आज कल चुनाब आयोग और आयोग के आला अधिकारी काफी फार्म में नजर आ रहे हैं और हो भी क्यों नहीं आखिरी भारत को सुयोग्य साशक देने की एक कठिन जिम्मदारी जो उनके कंधो पर है.
भिअर जो की होली की हुडदंग के लिए काफी प्रसिद्द है लालू जी जिनकी होली जग प्रसिद्द है इस बार होली खेलना ही भूल गए तो दूसरी और नीतिश कुमार के घर होली खेलने गए बिहार के आई जी और डी आई जी को चुनाब आयोग ने नोटिस दे डाली की उनपर चुनाबी आचार संहिता के उल्लंघन का मामला क्यों न दर्ज किया जाए.
और सबसे महत्वपूर्ण बात तो ये रही की आज चुनाब आयोग ने ३४२३ उम्मीदवारों को चुनाब लड़ने के लिए अयोग्य साबित कर दिया तो वो भी सिर्फ इसलिए के वे पिछले चुनाब के खर्च का व्योरा चुनाब आयोग को नहीं सॉंप सके. अब बताईये पांच साल पहले किये गए चुनाबी वाडे जब हमारे नेतागण को याडी नहीं रहता तो दान दक्षिणा से जमा करके खर्च किये गए पैसों का हिसाब कैसे याद रहेगा. क्या चुनाब आयोग के बही खाते में भूल चुक लेनी देनी के कलम की गुंजाइश नहीं है.
Sunday, March 15, 2009
चुनाब के हम सिकंदर
Posted by वंदे मातरम at 9:17 PM
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