Friday, March 20, 2009

आई पी एल पड़ी खटाई में

जब करोडो का व्यारा न्यारा लगने वाली बात हो तो भला कोई इतनी आसानी से कैसे छोड़ दे और खासकर अगर वह शख्श ललित मोदी हो और इसका सम्बन्ध आई पी एल से हो जिसमे बड़े बड़े दिग्गजों की साख और कमाई दांव पर लगी हो. एक तरफ ललित मोदी हैं जो इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं कि उनकी आई पी एल खटाई में पड़ जाए और उनके करोडों कमाने के सपने धुल में मिट जाए तो दूसरी तरफ जनता का गुस्सा और नफ़रत झेल चुकी भारतीय राज्यों के पुलिस एवं अन्य सुरक्षा संगठन चुनाव के गौर तलव किसी भी प्रकार की जोखिम उठाने को तैयार नहीं है.

इतनी बार मैच के तारीख में फेर बदल के बावजूद भी जब राज्य की सुरक्षा व्यवस्था उनके द्वारा सुझाये गए तालिका को स्वीकार नहीं कर रही है तो ललित मोदी जी यह सोच सोचकर पदेसान हो रहे होंगे के आखिर वे करोडो की कमाई का वादा कर चुके मैच के स्पोंसरों को क्या जवाव दें.

आज तो बी सी सी आई के अध्यक्ष रहे शरद पवार के गृह राज्य महाराष्ट्र की पुलिस ने भी मैच के लिए मनाही करी दी है.





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