Tuesday, March 17, 2009

घर का भेदी लंका डाह

कभी लालू यादव के बलबूते राजनीति ही नहीं बल्कि पुरे बिहार में अपने बाहुबल का खौफ पैदा करने वाले साधू यादव जो की रिश्ते में लालू यादव के साले भी लगते हैं इस चुनाव में अपने जीजाजी से बगावत करने की ठान ली है. ऐसा लगता है की आजकल लालू जी ने अपनी श्रीमतीजी राबरी देवी जी से सलाह मशवरा लेना छोड़ दिया हैं नहीं तो सारी खुदाई एक तरफ और जोडू का भाई एक तरफ के मुहावरे के हिसाब से तो लालू जी अपने साले साहब को नाराज करने की सोच भी नहीं सकते थे.



एक समय एक दुसरे के जानी दुश्मन रह चुके लालू यादव और राम विलास पासवान ने तो आपस में हाथ मिला लिया है और करें भी क्यों नहीं - आज लालूजी और राम विलास जी दोनों को यह अच्छी तरह से पता है की नीतिश कुमार उन्हें कांटे की टक्कर देने वाले हैं. नीतिश जी ने पिछले कुछ दिनों में बिहार के लोगों को विकास का रास्ता दिखाया है और लोग इस बात से काफी अच्छी तरह से वाकिफ हैं की ऐसे समय में जब लालू जी मुद्रा अभाव का बहाना बनाकर बिहार में विकास की गति को बिलकुल ही ठप्प कर दिया था नीतिश जी ने जीतोड़ कोशिश करके जनता के मुलभुत समस्याओं के तरफ ध्यान तो जरूर ही दिया है.

एक समय बिहार जो बालू, बर्वादी और बदमाशी के चपेट में आकर झुलस रहा था - उसी बिहार में मुलभुत सुबिधियायें जनता तक पहुँचने लगी है और एक तरह की सुरक्षा भावना लोगों में पैदा होने लगी है.

कांग्रेस जो की बिहार में पहले से ही काफी कमजोर है और लालू जी ने मीठे मीठे बोलकर सोनिया गाँधी को पटा लिया है की बिहार में कांग्रेस की कोई अस्तित्व नहीं बन सकती - लालू यादव और पासवान जी ने मिलकर सिर्फ तीन शीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी है. ऐसे में साधू यादव ने बगावत कर कांग्रेस के साथ जाने का सगुफा छोड़ दिया है. अब लगता है की रूठे हुए साले को मानाने के लिए रबरी देवी को ही भाई से बात करनी पड़ेगी.



फिलहाल साले और बहनोई के झगडे का परिणाम कुछ भी हो, एक बात तो तय है कि साधू यादव जोश में आकर अपने ही घर में आग लगा आये हैं क्योंकि यह सबको पता है कि बिहार में लालू के बिना साधू का कोई अस्तित्व नहीं है.

3 comments:

  1. bhai mp to 543 hain, aap to bahut jyada chunane kee bat kar rahen hain, baki kaise aayengen. narayan narayan

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  2. आप सबको सुभकामनाओं और स्नेह भरी समीक्षा के लिए सहृदय धन्यवाद. हम सब को मिलकर हमारी राष्ट्रिय भाषा जो अब तक इन्टरनेट पर अपना सम्मान जनक स्थान नहीं बना पायी है, कार्य करते रहना चाहिए. तुम अगर साथ देने का वादा करो में उन्ही मस्त ब्लोग्स लिखता रहूँ.

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  3. आप सबको सुभकामनाओं और स्नेह भरी समीक्षा के लिए सहृदय धन्यवाद. हम सब को मिलकर हमारी राष्ट्रिय भाषा जो अब तक इन्टरनेट पर अपना सम्मान जनक स्थान नहीं बना पायी है, कार्य करते रहना चाहिए. तुम अगर साथ देने का वादा करो में उन्ही मस्त ब्लोग्स लिखता रहूँ.

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